Friday, December 9, 2016

उम्मीद मत छोड़ बंदे।

- वीर विनोद छाबड़ा
हम लोग छोटे थे तो नानी-दादी बहुत किस्से-कहानियां सुनाया करती थीं। ऐसा ही किस्सा याद आया है।
बहुत समय पहले की बात है। दो देशों के मध्य भयंकर युद्ध हुआ। युद्ध समाप्त हुआ। संधि हुई। युद्धबंदी सैनिकों की अदला-बदली हुई। परंतु इसके बावज़ूद एक देश में दुश्मन देश के दो सैनिक छूट गए। उन्हें जासूसी के आरोप में बंदी बना लिया गया। उन पर मुकद्म्मा चला और देश के कानून के अनुसार मृत्युदंड दिया गया। अब माफ़ करने का अधिकार सिर्फ राजा के पास था। उन सैनिकों ने राजा से अपील की। लेकिन राजा ने अपील ठुकरा दी। दोबारा अपील की। लेकिन राजा टस से मस नहीं हुआ। 
उनमें से एक सैनिक को अचानक एक तरकीब सूझी। उसने राजा को बताया कि मैं एक ऐसा हुनर जानता हूं कि जिससे आपका घोड़ा उड़ सकता है।
राजा को हैरानी हुई। लेकिन शक़ भी हुआ - क्या सबूत है कि तुम सच बोल रहे हो।
सैनिक बोला - हुज़ूर मृत्यदंड पाया है मैंने। अगर मैं मर गया तो यह हुनर भी ख़त्म हो जायेगा। और फिर मरने वाला आदमी झूठ क्यों बोलेगा? और हां इस काम के लिए मुझे एक साल का समय भी चाहिए।
राजा को सैनिक की बात पर विश्वास हो गया -  ठीक है, मैं तुम्हें एक साल की मोहलत देता हूं। अगर तुम मेरे घोड़े को उड़ाने में सफल हुए तो तुम्हें ज़िंदगी मिल जायेगी, वरना भरे बाज़ार तुम्हारा सर धड़ से अलग कर दिया जाएगा।
इसके बाद दोनों को काल कोठरी में बंद कर दिया गया।
दूसरे सैनिक ने मोहलत पाये सैनिक से पूछा - क्या तुम वाकई राजा का घोडा उड़ा सकते हो
मोहलत पाया सैनिक बोला - नहीं। मैं ऐसा कोई हुनर नहीं जानता।
दूसरा सैनिक बोला - तो फिर तुमने झूठ क्यों बोला? आज नहीं तो एक साल बाद निश्चित ही मरोगे?
मोहलत वाला सैनिक बोला - ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी।

दूसरे सैनिक ने पूछा - वो भला कैसे?
मोहलत पाया सैनिक बोला - चार बातें हो सकती हैं। १) एक साल के भीतर राजा मर सकता है। २) घोडा मर सकता है। ३) मैं मर सकता हूं। ४) हो सकता है मैं राजा का घोडा सचमुच उड़ा दूं। लेकिन तुम्हें तो निश्चित ही कल सुबह सूली पर चढ़ा दिया जाएगा।

शिक्षा - ज़िंदगी में हार मत मानो मित्रों। आखिरी पल तक ज़िंदा रहने का जुगाड़ लगाओ। उम्मीद पर दुनिया कायम है।  
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09-12-2016 mob 7505663626
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1 comment:

  1. Very interesting and educative.
    This makes you more wise.

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