Thursday, December 29, 2016

काजू-पिस्ते वाली बर्फ़ी गयी तेल लेने

- वीर विनोद छाबड़ा
हमारे एक नौजवान सहकर्मी के विवाह के लिए योग्य कन्या की तलाश हो रही थी। लेकिन कहीं बात बन नहीं पा रही थी। कभी उन्हें लड़की पसंद नहीं आई तो कभी लड़की को मित्र में बंदर जैसी सूरत दिखाई दी। एक लड़की ने तो उलटे मित्र की परीक्षा ही ले डाली। तुम्हें क्या क्या बनाना आता है? कपड़े धोने में निपुड़ हो कि नहीं और झाड़ू-पोंछा लगा कर दिखाओ ज़रा। एक लड़की के माता-पिता ने कह दिया कि कामवाली बाई ज़रूर रख लीजिये, हमारी बेटी कोई वाशिंग मशीन नहीं है कि घर भर के कपड़े धोती रहेगी। 
इधर समय हाथ से निकला जा रहा था। मगर एक बात पर मित्र को तसल्ली थी कि जहां-जहां भी वो गए, स्वागत जोरदार हुआ। नाना प्रकार के व्यंजनों पर हाथ साफ़ करने का मौका मिला। काजू-पिस्ते की बर्फ़ी और दालमोठ से भरी प्लेटें तो तक़रीबन कॉमन रहीं।
मगर एक जगह उनके सामने बेहद मामूली दालमोठ और किसी लोकल ब्रांड के बिस्कुट रखे गए, वो भी बड़ी बेदर्दी से। इतनी बेरुखी से कूकुर को भी नहीं डाला जाता। चाय से भी जले दूध की महक आ रही थी। दो घूंट से ज्यादा हलक़ से नीचे नहीं उतर पायी। लड़की भी देखने में कोई ख़ास नहीं थी। रंग भी सांवला था। क्वालिफिकेशन बस ग्रेजुएट। नौकरी-शोकरी भी खास नहीं। किसी मोहल्ला स्तर स्कूल में हज़ार-पांच सौ में पढ़ाती थी। घर-बार और सदस्यों का व्यवहार भी एवैं ही था। प्राईमाफेसी केस में कोई दम नहीं था। हालांकि लड़की वालों ने ऑफर भी दिया गया कि लड़की से लड़का अगर कुछ बात करना चाहता है तो उन्हें ऐतराज नहीं है। लेकिन हमारे मित्र ने दृढ़तापूर्वक मना कर दिया।

मित्र विदा होने लगे तो लड़की ने बड़े सलीके से उन्हें हाथ जोड़ कर ही नहीं, बोल कर भी नमस्ते की।
बस हमारे मित्र घायल हो गए। तीर निशाने पर लगा था। उसका नमस्ते का अंदाज़ इतना प्यारा और क्लासिक था कि क्या बताऊं? लजाई सी और शरमाई सी कोई गुड़िया सामने खड़ी हो। और आवाज़ तो ऐसी कि हाय-हाय, क्या बताऊं? मानों मोती ज़मीन पर गिर खनखनाये हों। हम तो फ़िदा हो गए। इस सबके सामने तो काजू-पिस्ते वाली बर्फ़ी- और दालमोठ गयी तेल लेने। और यार शक्ल-सूरत लेकर क्या चाटना है। बात करने का सलीका आना चाहिए। हमने तो दहलीज से कदम बाहर निकलने से पहले ही 'हां' कर दी थी।

आज पंद्रह साल हो गए हमारे मित्र के विवाह को। मगर पति-पत्नी के बीच काजू-पिस्ते वाली बर्फ़ी और दालमोठ का ज़िक्र कभी नहीं हुआ। 
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29-12-2016 mob 7505663626
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Lucknow - 226016

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