Sunday, December 11, 2016

सकारात्मक जवाब सुख देता है और नकारात्मक दुःख!

-वीर विनोद छाबड़ा 
बादशाह अकबर ने एक रात आईने में देखा कि सिवाय एक दांत के उनके सारे दांत गिर गए हैं। वो घबड़ा गए और ज़ोर ज़ोर से चीखने लगे।
इसी के साथ उनका सपना भी टूट गया। देखा कि वो पसीना पसीना हुए पड़े हैं। जीभ से टटोला। सारे दांत भी सलामत हैं। उन्हें इत्मीनान हुआ।

इधर बादशाह सलामत की चीख सुन कर फ़ौरन ही तमाम सिक्योरिटी जमा हो गई। रानी भी दौड़ी दौड़ी आ गयीं। महल में मौजूद तमाम नाते-रिश्तेदार भी जमा हो गए। बादशाह ने अपने सपने का ज़िक्र किया। सब लोग फिक्रमंद हो गए। जैसे तैसे रात कटी।
अगले दिन दरबार लगा। चिंतित बादशाह सलामत ने दरबार में भी अपने सपने का ज़िक्र किया। और पूछा कि इस सपने का सबब क्या है?
तमाम दरबारियों ने गहरे विचार-विमर्श करके बताया कि यह आने वाले किसी भयंकर अशुभ का संकेत है।
यह सुन कर बादशाह सलामत बहुत घबड़ा गए। उन्होंने आनन-फानन में मुल्क के तमाम आला दर्जे के ज्योतिषियों और नजूमियों को तलब किया । सब दौड़े दौड़े चले आये।
लंबे विचार-विमर्श के बाद निचोड़ यह निकला - बादशाह सलामत इस सपने का मतलब यह है कि आप के नसीब में अपने तमाम रिश्तेदारों को अपने सामने मरते हुए देखेंगे। तमाम दरबारियों ने भी हां में हां मिलायी।
यह सुनते ही बादशाह सलामत के तन-बदन में आग लग गई। उन्होंने आग-बबूला हो कर तमाम दरबारियों से बाहर चले जाने हुक्म दिया। ऐसी मनहूस भविष्यवाणी करने वाले तमाम ज्योतिषियों और नजूमियों को फ़ौरन शहर छोड़ देने का हुक्म दिया।
बादशाह सलामत गहरे अवसाद में चले गए। उनकी दूसरी बड़ी परेशानी यह थी कि उनके सबसे काबिल मंत्री और परम मित्र, और उनके लिए हर मुसीबत में फायर ब्रिगेड का काम करने वाले बीरबल उन दिनों अस्वस्थ चल रहे थे। परेशान बादशाह ने खुद बीरबल के घर जाने का फैसला किया।
इधर इस तमाम हंगामे की ख़बर बीरबल तक भी पहुंच चुकी थी।
बादशाह सलामत बीरबल के घर पहुंचे। इससे पहले कि वो अपने आने का सबब बताते, बीरबल ने कहा - महाराज आपका सपना तो बहुत ही शुभ संकेत दे रहा है।
बादशाह सलामत चौंके - वो कैसे?

बीरबल हंसे - वो ऐसे महाराज कि आप अपने नाते- रिश्तेदारों से ज्यादा वक़्त तक ज़िंदा रहेंगे।
बादशाह सलामत बीरबल के सकारात्मक जवाब से बहुत खुश हुए। आप तो अच्छी बात कर रहे हैं। यह कहते हुए उन्होंने अपने गले में पड़ा सच्चे मोतियों वाला हार बीरबल को ईनाम में दे दिया।

शिक्षा - नानी बताती थी कि दो तरह से जवाब होते हैं। दुःख बढ़ाने वाला और दुःख घटाने वाला। सकारात्मक और नकारात्मक। एक ऊर्जा देता है और दूजा दुःख। बीरबल ने सुख देने वाला जवाब दिया और बादशाह का संकट हर लिया।  
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