Wednesday, March 18, 2015

मुकाबला जोश और होश के बीच!

-वीर विनोद छाबड़ा

कल विश्वकप में मेलबोर्न के मैदान में टीम इंडिया और बांग्लादेश के बीच क्वार्टरफाइनल मुक़ाबला है। जीत का सत्ता लगाने का मौका है। सबको टीम इंडिया की जीत की घंटियां सुनाई दे रही हैं। मेरे घर के आस-पास रहने वाले कुछ बच्चे और नौजवान जीत के जश्न को मनाने तैयारियां कर रहा है। परसों एक मित्र ने लिखा था कि उन्हें लग रहा है कि यह मैच टीम इंडिया हार जायेगी।


अपनी बात कहने से पहले मैं दिवंगत लाला अमरनाथ के शब्द दोहराना चाहता हूं। एक देशी पत्रकार ने पूछा - लाला जी आपके ख्याल से इस टेस्ट मैच का परिणाम क्या होगा?

लाला जी ने कहा - बड़ा आसान सवाल है और वैसा ही आसान जवाब है - भारत यह टेस्ट जीतेगा या हारेगा और अगर दोनों नतीजे नहीं होंगे तो मैच ड्रा हो जायेगा।

चलिए अब सीरियस बात की जाए। मैं किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लूंगा।

दरअसल मैं इस मैच को जोश और होश के बीच का मुक़ाबला मान रहा हूं ।

बांग्लादेश जोश से भरी टीम है। अब तक कोई भी जीत उसे अपनी वज़ह से नहीं मिली विपक्ष की कमजोरी की वज़ह से या उसे हल्का समझने की भूल के वज़ह से मिली हैं। बांग्लादेश ने इस जगह पर पहुंचने की कभी कल्पना भी नहीं की थी, तैयारी तो दूर की बात है। अब तक सब उछल- कूद रहे हैं। मगर कल की सुबह अलग होगी। मुक़ाबला टीम इंडिया से है। 

टीम इंडिया भले ही बांग्लादेश का क्रिकेटिंग पॉइंट पर या किसी सामाजिक या जातीयता या राजनैतिक आधार पर कोई परंपरागत विपक्ष नहीं रहा। लेकिन बड़े पडोसी से आगे जाने का जोश तो होता ही है। और छोटे पडोसी को चुप बैठने की सलाह देना तो बनता ही है।


जोश में अक्सर भूल ये होती हैं की स्ट्रैटजी नहीं बन पाती या कोई  मुख्य कमजोरी पकड़ने जैसी महत्वपूर्ण बात याद नहीं रहती। हमारे देश में कभी कपिल देव इसी नीति के अनुसार खेलते थे - आओ, चलो उतरते हैं मैदान में। देख लेंगे वो क्या हैं और जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा वैसे ही हम कुछ न कुछ तो कर ही लेंगे। हार या जीत। क्रिकेट में तो यह होता ही रहता है।

लेकिन कपिल वाला युग कबका ख़त्म हो चुका है।

अब प्लानिंग के हिसाब से चलना होता है।  प्लान-वन, प्लान-टू, प्लान -थ्री।

अगर बांग्लादेश हारेगी तो इसी वज़ह से। फील्डिंग अच्छी है और कैचिंग भी। थ्रो सटीक न हों तो भी बढ़िया हैं। टीम इंडिया को बांग्लादेश में यही विशेषता अच्छी नही लग रही होगी। हालांकि टीम इंडिया भी इस डिपार्टमेंट में बांग्लादेश से उन्नीस नहीं है।

टीम इंडिया होश में है। रिकॉर्डों में भी बांग्लादेश काफी पीछे है। इस टूर्नामेंट में अब तक टीम इंडिया के पक्ष में यह तथ्य अच्छा रहा है कि हर मैच में कोई न कोई खिलाडी क्लिक करता रहा है। बल्लेबाज़ी में शीर्ष ने दिल तोडा तो निचले क्रम ने खुश किया। गेंदबाज़ी में अगर पेस बैटरी फुस्स हुई तो स्पिन ने सपोर्ट कर दिया। कैचिंग ने निराश किया तो क्लीन गैदरिंग और सटीक थ्रो ने कसर पूरी कर दी। जब इतने सारे प्लस पॉइंट हों तो कप्तान की सोच की तारीफ तो होती ही है।

लेकिन मैं समझता हूं कि बांग्लादेश बड़े-उलटफेर वाली टीम है। हर बड़े टूर्नामेंट में एक या हद से ज्यादा दो। और उलटफेर का यह कोटा उसने इंग्लैंड को हरा कर पूरा कर लिया है।

हां इंद्र देवता की बड़ी भूमिका भी कल रहेगी। हैरानी नही होगी अगर मैच एक दिन एक्स्ट्रा खेलना पड़े।
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१८-०३-२०१५         

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